अनुवाद

शुक्रवार, 6 सितंबर 2013

पत्र सूचना कार्यालय की अक्ल आई ठिकाने पर, और आपकी?

देश का संविधान चीख-२ कहता है कि हिन्दी भारत की राजभाषा है और कामकाज हिन्दी में होना चाहिए पर यह बात भारत सरकार के विभिन्न विभागों और मंत्रालयों में बैठे अधिकारियों को समझ नहीं आती और वे राजभाषा अधिनियम का मखौल उड़ा रहे हैं, यही अधिकारी हिन्दी के नाम पर पिछले ६६ वर्षों से खानापूर्ति करते आ रहे हैं और अंग्रेजी का वर्चस्व जस का तस है.

नवी मुंबई में निवासरत एक युवा हिन्दीप्रेमी ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत 'पत्र सूचना कार्यालय' [पसूका] में राजभाषा की घोर उपेक्षा का प्रकरण अपने हाथ लिया, ६ फरवरी २०१३ से लगातार उन्होंने पत्र सूचना कार्यालय के अधिकारियों को ईमेल भेजना आरम्भ किया, कई अनुसमारक भेजे, पर उत्तर ना आया. 

राजभाषा अधिनियम के उल्लंघन की शिकायत राजभाषा विभाग को भेजी गई. पर बात आगे नहीं बढ़ी. शिकायत पर राजभाषा विभाग द्वारा कोई कार्यवाही ना होने से हताश होकर अंतिम हथियार के रूप में शिकायतकर्ता ने 'सूचना का अधिकार अधिनियम' का सहारा लिया और एक आवेदन लगाया तब पसूका से राजभाषा के अनुपालन से जुड़े ढेरों प्रश्न पूछ डाले जिनपर पसूका के केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारियों को अपनी गलती का एहसास हुआ, कार्यालय को १९९२ के उस निर्देश का हवाला दिया गया, जिसमें कहा गया है कि जहाँ-२ हिन्दी अंग्रेजी का एकसाथ इस्तेमाल होगा, वहाँ -२ हिन्दी को अंग्रेजी के ऊपर प्राथमिकता दी जाएगी क्योंकि राजभाषा हिन्दी है ना कि अंग्रेजी. 

पसूका के अधिकारियों द्वारा आरटीआई आवेदन के कई प्रश्नों के ठीक-२ उत्तर नहीं दिए, तब आवेदक ने प्रथम अपील लगा दी.

अपील के उत्तर में पसूका ने स्पष्ट किया कि वे पसूका की वेबसाइट की सभी सेवाओं में हिन्दी को प्राथमिकता देंगे एवं हिन्दी की सम्पूर्ण सामग्री को अंग्रेजी की सामग्री के पहले/ऊपर/आगे प्रकाशित किया जाएगा.

और ५ सितम्बर २०१३ का दिन 'इतिहास' बन गया है. आज से पसूका की वेबसाइट http://pib.nic.in/newsite/mainpage.aspx पर भारत की राजभाषा को उसका उचित स्थान मिल गया, वेबसाइट पर कई सेवाओं जो पहले केवल अंग्रेजी में थी, अब हिन्दी में उपलब्ध हैं. हिन्दी की विज्ञप्तियों को अंग्रेजी से ऊपर कर दिया गया है, सभी टैब द्विभाषी बना दिए गए हैं. पहले हिन्दी में उन्नत खोज का विकल्प नहीं था, उसे आरम्भ कर दिया गया है, इसी तरह दस्तावेज, आलेख आदि को अंग्रेजी सामग्री से नीचे प्रकाशित किया जाता था, उसे भी हिन्दी में ऊपर लगा दिया गया है.

शीघ्र ही फोटो का विवरण भी द्विभाषी रूप में उपलब्ध होगा आज तक उसे केवल अंग्रेजी में डाला जा रहा है. पसूका के ट्विटर एवं यू-ट्यूब पर भी नवीन जानकारी द्विभाषी रूप में शुरू की जा रही है.